गरियाबंद। प्रदेशव्यापी हड़ताल में शामिल होने राजधानी रायपुर जा रही मितानिन बहनों को प्रशासन ने मंगलवार को जिला मुख्यालय में ही रोक दिया। इस कार्रवाई से नाराज होकर सैकड़ों मितानिन अचानक उग्र हो गईं और पांडुका के पास नेशनल हाइवे-130 पर चक्काजाम कर दिया। देखते ही देखते दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और हाईवे पर यात्री बसें, स्कूल बसें, निजी वाहन और मालवाहक ट्रक घंटों फंसे रहे।
सूत्रों के अनुसार सुबह से ही विभिन्न विकासखंडों से मितानिन बहनें रायपुर रवाना होने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। इस पर आंदोलनकारी महिलाओं ने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है। उनका कहना है कि जब तक रायपुर में बैठी सरकार तक उनकी मांगें और आवाज नहीं पहुंचेगी, तब तक विरोध प्रदर्शन किसी भी सूरत में खत्म नहीं होगा।
आंदोलनकारियों का आरोप
मितानिन बहनों ने कहा कि वे लंबे समय से अपने मानदेय बढ़ोतरी, स्थायीकरण और अन्य मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं, लेकिन उनकी बातें अनसुनी की जा रही हैं। उनका आरोप है कि सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, मगर जमीनी स्तर पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। रायपुर में प्रदेशव्यापी आंदोलन के जरिए अपनी समस्याएं सरकार तक पहुँचाने के लिए वे निकली थीं, मगर जिला मुख्यालय में ही रोककर उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया गया।

जाम से बिगड़े हालात
अचानक हुए इस चक्काजाम से नेशनल हाइवे पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कई यात्री बसों और स्कूल बसों में बैठे बच्चों को धूप में घंटों परेशान होना पड़ा। निजी वाहन चालक और ट्रक ऑपरेटर भी जाम में फंसे रहे। सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं, जिससे आमजन को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
पुलिस और प्रशासन की समझाइश
स्थिति को नियंत्रित करने प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया। अधिकारियों ने आंदोलनकारी बहनों को समझाइश देकर जाम खत्म करने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़ी रहीं। प्रशासन लगातार वार्ता का प्रयास कर रहा है ताकि स्थिति और न बिगड़े

आक्रोशित मितानिनों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं और उन्हें रायपुर जाकर आंदोलन में शामिल होने से रोका गया, तो विरोध और उग्र रूप लेगा। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन सिर्फ मानदेय का सवाल नहीं बल्कि अस्तित्व और सम्मान की लड़ाई है।
फिलहाल प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती बन गई है कि हाईवे पर फंसे यात्रियों को राहत दिलाई जाए और आंदोलनकारियों को शांतिपूर्वक राजी किया जा सके।

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



