गरियाबंद। जिले में एक बार फिर हाथियों की गतिविधि तेज हो गई है। बीबीएमई 1 (BBME1) और जीबीएमई 1 (GBME1) नामक दोनों दंतैल हाथी इन दिनों पाण्डुका क्षेत्र के नागझर और बोड़राबांधा गांव के समीप खेत–खलिहान में लगातार विचरण कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों की मौजूदगी से दहशत का माहौल है। हालांकि, स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए वन विभाग ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
वन परिक्षेत्र अधिकारी पाण्डुका के मार्गदर्शन में पाण्डुका स्टाफ और हाथी मित्र दल मौके पर तैनात हैं। ये दल लगातार हाथियों की गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों से खेत–खलिहान की ओर अकेले न जाने, रात में अलाव जलाकर रखने और किसी भी आपात स्थिति की सूचना तुरंत विभाग को देने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से पाण्डुका और आसपास के इलाकों में हाथियों की आवाजाही बढ़ी है। हाथियों के झुंड अक्सर धान की फसल और खेतों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी कारण ग्रामीणों में बेचैनी देखी जा रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हाथियों की हरकतों पर पूरी तरह निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।
हाथी मित्र दल और वन विभाग का संयुक्त दल समय-समय पर गांवों में मुनादी कर लोगों को जागरूक भी कर रहा है। फिलहाल दोनों दंतैल नागझर और बोड़राबांधा गांवों के बीच खेतों के आसपास डटे हुए हैं और किसी भी समय सड़क पार कर आगे बढ़ सकते हैं। इस वजह से यातायात और ग्रामीणों की सुरक्षा के मद्देनज़र हाई अलर्ट जारी किया गया है।
वन विभाग ने कहा है कि ग्रामीण अफवाहों पर ध्यान न दें और पूरी तरह सतर्क रहकर ही खेतों की ओर जाएं। विभाग का प्रयास है कि हाथियों को सुरक्षित रूप से उनके रास्ते की ओर बढ़ाया जाए और इंसानों तथा फसलों को कम से कम नुकसान पहुंचे।

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



