गरियाबंद। जिले में एक बार फिर बाघ की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। वन विभाग की टीम ने 9 सितंबर 2025 को बाघ की लोकेशन ट्रैक की है। जीपीएस कोऑर्डिनेट्स N 20.741597 और E 81.99682 पर बाघ देखा गया है। यह क्षेत्र पाडुका परिक्षेत्र के पोंड बिट के अंतर्गत आता है और वर्तमान में बाघ कक्ष क्रमांक 67 में विचरण कर रहा है।
वन विभाग ने जानकारी दी है कि बाघ की संख्या एक (1 नग) है, जो लगातार जंगल से सटे गांवों की ओर भी मूवमेंट कर रहा है। इसे देखते हुए ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है।

हाई अलर्ट वाले गांव
👉🏻 टोइयामुडा, गाहदर, बारुका
अलर्ट वाले गांव
👉🏻 नागझर, टोइयामुडा, राचरडेरा, विजयनगर, खरखरा, दिवना, तौरेगा, सांकरा, कुसुमपानी, तालेसर, गायडबरी, हरदी, कासरबाय
वन विभाग ने इन सभी गांवों के लोगों से अपील की है कि वे जंगल की ओर अकेले न जाएं और पशुओं को चराने के लिए भी समूह में ही ले जाएं। रात के समय जंगल किनारे आवाजाही पूरी तरह से टालें। विभाग ने यह भी कहा है कि ग्रामीण एक-दूसरे को सतर्क करें और बाघ की लोकेशन की सूचना तुरंत वन विभाग को दें।
वन विभाग की अपील
ग्रामीण सतर्क रहें और सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
खेतों व जंगल के किनारों पर अकेले न जाएं।
पशुधन को चराने के लिए सामूहिक रूप से ही ले जाएं।
बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलते समय सावधान रहने की सलाह दी गई है।
बाघ दिखने या उसके मूवमेंट की जानकारी तुरंत स्थानीय वनकर्मी या वन विभाग को दें।बता दें कि पिछले कुछ महीनों से गरियाबंद जिले में हाथियों की मौजूदगी के साथ-साथ अब बाघ की सक्रियता भी ग्रामीणों के लिए खतरे का संकेत है। वन विभाग लगातार निगरानी कर रहा है और हाथी मित्र दल व स्थानीय कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
👉🏻 विभाग ने कहा है – “सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और एक-दूसरे को सूचना जरूर दें।”

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



