मैनपुर। आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर का प्राथमिक शाला आज किसी पहचान का मोहताज नहीं रहा। इस पाठशाला में निरंतर कई पहल हो रहे है।जो की अन्य शालाओं के लिये मिशाल बनता जा रहा है। यह शाला क्षेत्र का एकमात्र पाठशाला है जो स्मार्ट पाठशाला है जहाँ मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर से पढ़ाई होती है। साथ ही साथ इस पाठशाला के दीवारों में ऐसे ऐसे चित्र उकेरे गए है यहाँ बोलती दीवारें ,बच्चों का कार्नर , विभिन्न टीएलएम , और FLN पोस्टर विद्यालय को अलग बनाती है ।यहाँ के शिक्षक आलोक शर्मा बताते है कि यह शाला पहले ऐसा नही था। यह पाठशाला भवन जर्जर नजर आता था। उनके पदस्थापना के बाद उन्होंने कई पहल किया पालको से सम्पर्क किया एवं अभावों को नजरअंदाज करके स्वयं दीवारों पर चित्र उकेरे।उन्होंने इस शाला को उत्कृष्ट शाला बनाया जो कि मॉडल शाला के रूप में जाना जाने लगा है। जिसमे उनके प्रधान पाठक मानसिंह नागेश ने उनका मार्गदर्शन के साथ सम्पूर्ण सहयोग किया।

चुनौती को बदल दिया अवसर में
कभी नशाखोरी और पिछडेपन का शिकार गोना का यह पाठशाला जहाँ कई समस्याएं थी। जो कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा चुनौती बनी हुई थी। यहाँ के शिक्षक ने इसे अवसर के रूप में लिया। नशामुक्ति अभियान चलाया।। सघन पालक बालक
अभियान चलाकर माताओं और पालको को सक्रिय रूप से शाला के साथ जोड़ा साथ ही साथ उनके साथ लगातार बैठकें की। परिणाम हुआ कि एक गोना का शाला प्रबंधन समिति पूरे मैनपुर के श्रेष्ठ समिति में से एक है और सबसे बड़ी बात है कि यहाँ महिला सदस्यों की बड़ी भागिदारी है। वे भले स्वयं शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रहें हो पर अपने बच्चों को शिक्षित करने को लेकर दृढ़संकल्पित हैं। वे लगातार शाला विकास में साथ दे रही है। यहाँ के शिक्षक आलोक शर्मा के आग्रह से शाला समिति ने अर्थदान देकर शाला को स्मार्ट शाला बना दिया। जिससे बच्चे 21वीं सदी के दुनियां में कदम से कदम मिला कर चल रहे है।

ग्राम में रोज लगता है संध्या क्लास
ग्राम में शाला के शिक्षित युवक -युवतियों को संगठित कर शाला के साथ जोड़ा जिससे वे सक्रिय रूप से शाला के साथ जुड़े एवं रोज ग्राम में अलग अलग मोहल्लों में शाम को कक्षाएं लगती हैं। इसका इस क्षेत्र के लिए विशेष महत्व है। ग्राम के कई पालकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है।
जिसके कारण उनके घरों में भौतिक वस्तुओं का अभाव है जैसे बिजली और पढ़ने के लिए समुचित स्थान । इस पहल से बच्चों को समूह में सीखने का लाभ भी मिल रहा है एवं उनके शिक्षण में आर्थिक स्थिति बाधा भी नही बन रही है। इस अभिनव पहल की राज्य स्तर पर सराहना की गई है एवं अन्य शाला भी अब अनुशरण कर रहे। शाला की ओर से उन्हें भौतिक वस्तुएं उपलब्ध भी कराया जाता है। युवा शिक्षा मित्र को शाला की ओर से समय समय और सम्मान किया जाता है ।

कई सम्मानों से नवाजे गए शिक्षक
शाला में पदस्थ शिक्षक अपने बेहतर कार्य के लिये समय-समय कई सम्मानों से सम्मानित किये जाते रहे हैं। यहाँ के प्रधान मानसिंह नागेश शिक्षा अलंकरण सम्मान से सम्मानित हो चुके है जो कि उनके शिक्षा के क्षेत्र में किये गए अनुकरणीय कार्यों के लिये दिया गया है। साथ पदस्थ शिक्षक आलोक शर्मा को भी उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक सम्मान, उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान प्रदान किया जा चुका है। शिक्षक द्वारा कई संगोष्ठी , प्रशिक्षण में समय समय पर जिला एवं विकासखण्ड का नेतृत्व किया जाता रहा है। निरंतर प्रयासो से यहाँ के पाठशाला में जादुई पिटारा, बेहतर टीएलएम , स्कूल रेडिनेस एक्टिविटी, बेहतरिन प्रिंट रिच एवं कई फल किये जाते रहें हैं। जिससे शाला के विकास एवं विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति रुचि आ सके। वे निरंतर शिक्षा ग्रहण करते हुए अपने जीवन को सफल बना सके।

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



