दुर्ग। सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए ठगने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पिछले तीन सालों से फरार चल रहा था और कांकेर में किराए के मकान में छिपकर रह रहा था। अंजोरा चौकी पुलिस ने 14 अक्टूबर को विशेष टीम बनाकर आरोपी को दबोच लिया।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान अरूण मेश्राम (54 वर्ष) के रूप में हुई है, जो दुर्ग जिले के अंजोरा क्षेत्र में दर्ज ठगी के एक बड़े मामले में वांछित था। आरोपी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर 20 से 25 लोगों से मंत्रालय में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 45 लाख रुपए की ठगी की थी।
मामला 2022 का, शिकायत के बाद खुला ठगी का जाल
यह पूरा मामला 2 जुलाई 2022 को ग्राम चिरचार निवासी संतराम देशमुख की शिकायत पर उजागर हुआ था। संतराम ने पुलिस को बताया था कि भेषराम देशमुख और रविकांत देशमुख नामक दो लोगों ने अपने साथी अरूण मेश्राम के साथ मिलकर खुद को मंत्रालय में बड़े अधिकारी के रूप में पेश किया। सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 5 लाख रुपए लिए गए थे, लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया।

इसके बाद जब अन्य पीड़ितों ने भी इसी तरह की शिकायतें कीं, तो पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। शुरुआती कार्रवाई में भेषराम देशमुख और उसके बेटे रविकांत देशमुख को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जबकि मुख्य साजिशकर्ता अरूण मेश्राम फरार हो गया था।
कांकेर में किराए के मकान में छिपा था मास्टरमाइंड
चौकी प्रभारी खेलन सिंह साहू को गुप्त सूचना मिली थी कि फरार आरोपी अरूण मेश्राम कांकेर में रह रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने 14 अक्टूबर को दबिश दी और आरोपी को घेराबंदी कर पकड़ लिया।
पूछताछ में अरूण ने ठगी की बात स्वीकार की और बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 20 से 25 लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए ऐंठे। आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि ठगी की रकम तीनों ने आपस में बांट ली थी। उसने अपने हिस्से से कांकेर में करीब 15 लाख रुपए का प्लॉट खरीदा था और पिछले तीन सालों से इसी रकम से घर खर्च चला रहा था।
प्लॉट एग्रीमेंट और नकदी बरामद
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से प्लॉट खरीदी से जुड़ा एग्रीमेंट और 4,000 रुपए नकद बरामद किए। पुलिस ने आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
फर्जी अफसर बनकर लेता था लोगों का भरोसा
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी अरूण मेश्राम खुद को मंत्रालय में बड़ा अफसर बताकर लोगों को विश्वास में लेता था। अंजोरा निवासी भेषराम देशमुख और उसका बेटा रविकांत देशमुख 6 सितंबर 2025 को गिरफ्तार किए जा चुके हैं। दोनों ने कबूल किया था कि उन्होंने अरूण मेश्राम की मंत्रालय में अधिकारियों से जान-पहचान होने की बात कहकर लोगों को ठगा।
आगे की जांच जारी
पुलिस अब इस ठगी के शिकार अन्य पीड़ितों की पहचान करने में जुटी है। साथ ही, ठगी की रकम से खरीदी गई अन्य संपत्तियों और निवेशों की भी जांच की जा रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह ने कई जिलों में लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी की है।
इस मामले ने एक बार फिर दिखाया है कि फर्जी अधिकारियों और नौकरी के झांसे में आने से पहले सतर्क रहना कितना जरूरी है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी सरकारी नौकरी के लिए केवल वैध प्रक्रिया और अधिकृत माध्यमों का ही सहारा लें।

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



