गरियाबंद। प्रेरक संस्था प्रमुख रामगुलाल सिन्हा के मार्गदर्शन में सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन एवं ग्राम सभा मुखियाओं का पेशा अधिनियम पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन ग्राम धमना, ग्राम पंचायत पिपरछेड़ी, विकासखंड गरियाबंद में किया गया।
कार्यशाला में ग्राम पिपरछेड़ी सरपंच लक्ष्मी दीपेश दीवान, गरियाबंद जनपद सदस्य रजन्तीन नागेश, धमना ग्राम पटेल, मितानिन, सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समिति, तथा महौभाटा, पिपरछेड़ी भुजिया, पोटीया सहित आसपास के ग्रामों के ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
जंगल संरक्षण पर दी गई जागरूकता
कार्यक्रम में दीपेश दीवान ने कहा कि —
“जंगल हमारे जीवन का आधार है, यह हमें औषधीय पौधे, जड़ी-बूटियाँ, वनोपज और जीवनोपयोगी संसाधन देता है। गर्मी के दिनों में जंगल को आग से बचाना और अवैध कटाई रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है।”
रामगुलाल सिन्हा ने पेशा अधिनियम और ग्राम सभा की भूमिका पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जल, जंगल और जमीन का संरक्षण एवं संवर्धन सामुदायिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि हर ग्राम की वन प्रबंधन समिति को नियमावली के तहत प्रत्येक माह बैठक आयोजित कर अपने गांव की पारंपरिक सीमाओं (सियार) का चिन्हांकन कर सीमा रेखा पर फलदार पौधों का रोपण करना चाहिए।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक समिति अपने जंगल का भ्रमण सुनिश्चित करे ताकि यह पता चल सके कि कहां औषधीय पौधे हैं, कहां पशुओं के लिए चारागाह क्षेत्र बनाया जा सकता है, और कैसे ग्रामवासी मिलकर जंगल का एक्शन प्लान तैयार कर सकते हैं।
नरेश नागेश ने कहा कि वे लगातार जंगल को आग से बचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा —
“जंगल है तो मानव जीवन है। कोरोना महामारी के दौरान यही जंगल और इसका शुद्ध वातावरण हमें जीवन देने की शक्ति प्रदान करता है।
🍃 मितानिन बहनों और बच्चों की सहभागिता
मितानिन बहनों ने जंगल से मिलने वाले मौसमी फलों और प्राकृतिक संपदाओं के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि
“विश्व पर्यावरण दिवस पर पेड़ लगाओ, लेकिन ऐसे लगाओ जिनकी देखभाल अपने बच्चों की तरह कर सको।”
कार्यशाला में छोटे बच्चों ने जल, जंगल, जमीन विषय पर लोक गीतों के माध्यम से जनजागरूकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम का संचालन रोहिदास यादव ने किया, जबकि प्रेरक प्रस्तुति में यशोदा यादव और चित्ररेखा ध्रुव ने अपनी सहभागिता दी।
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि अपने गांव के जंगलों, जलस्रोतों और जमीन की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए सामूहिक रूप से काम करेंगे।
कार्यक्रम ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि जंगल की रक्षा, पर्यावरण की सुरक्षा और ग्राम स्वराज — एक ही सूत्र में बंधे हैं।

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



