गरियाबंद। असली डॉक्टरों की कमी और झोलाछापों की गर्मी में एक बार फिर जिंदगी की कीमत “फर्जी इलाज” ने वसूल ली। थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र के चर्चित आपराधिक मानव वध के मामले में पुलिस ने आखिरकार आरोपी झोलाछाप डॉक्टर बबलू तांडी उर्फ थबीर तांडी (54 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, मामला 23 अगस्त 2025 का है। मृतक पुरुषोत्तम ध्रुव (45 वर्ष), ग्राम पेंण्ड्रा निवासी, का इलाज गांव में ही ‘ऑपरेशन थिएटरनुमा झोपड़ी’ में चल रहा था, जहां झोलाछाप जोड़ी बबलू तांडी और संजू ने बिना किसी मेडिकल लाइसेंस या सुरक्षा उपाय के भगंदर की सर्जरी करने की ठानी — नतीजा, सर्जरी नहीं, सीधा मृत्यु प्रमाण पत्र बन गया।
पुलिस ने मर्ग जांच के बाद पीएम रिपोर्ट में यह साफ पाया कि गलत सर्जरी और चिकित्सीय लापरवाही के चलते मृत्यु हुई। इस पर आरोपी बबलू तांडी को उड़ीसा के कोमना दुरीयापाड़ा से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने जुर्म स्वीकार किया है। पुलिस ने उसके पास से एक Vivo मोबाइल फोन भी जब्त किया है, जो संभवतः ‘डॉक्टर कॉलिंग डिवाइस’ के रूप में इस्तेमाल होता था।

मामले में आरोपी पर आपराधिक मानव वध की धारा 105, 3(5) (भा.न्या.सं.) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। आरोपी को 28 अक्टूबर को न्यायालय में पेश किया गया।
“जब इलाज का ठेका लाइसेंस के बिना मिले, तो सर्जरी नहीं, संवेदना सभा तय है।”
अब देखना यह है कि ऐसे झोलाछापों के खिलाफ प्रशासन कब तक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करता रहेगा या फिर जनता ही अपना डॉक्टर चुनती रहेगी।

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



