भिलाई। कहते हैं — फल खाने से सेहत बनती है, पर यहां अमरूद ने पूरा “परिवारिक संतुलन” बिगाड़ दिया। अमरूद तोड़ने की इस महायुद्ध में साला इतना भावुक हुआ कि जीजा को ही “सदैव अमर” बना दिया।
मामला दुर्ग जिले के पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र का है, जहां अमरूद के एक पेड़ ने ससुराल के रिश्तों की जड़ें ही हिला दीं। मृतक राजकुमार शेट्टी अपनी पत्नी के साथ साले गोविंद राम के घर सिर्फ कुछ अमरूद तोड़ने गया था, लेकिन वहां “फल-प्राप्ति” की जगह “फलित परिणाम” कुछ और ही निकला।

पत्नी ने कहा – “आप बाहर ही रुकिए, मैं अमरूद तोड़ लूंगी।”
पर जीजा बोले – “नहीं-नहीं, मुझे खुद तोड़ना है।”
बस फिर क्या था — अमरूद के साथ रिश्ते भी टूट गए!
विवाद बढ़ा तो साले ने डंडा छीना, और फिर घर के अंदर रखे सिलबट्टे से वार कर दिया। जीजा की मौके पर ही मौत हो गई। अमरूद का स्वाद कड़वा हुआ और पूरा परिवार खामोश।

घटना के बाद साला गोविंद भागा नहीं — बल्कि खुद थाने पहुंचकर बोला,
“हां साहब, मैंने ही तोड़ा है… अमरूद नहीं, जीजा को!”
पुलिस ने सिलबट्टा, डंडा और रिश्तों की बची-खुची कड़वाहट जब्त कर ली है। जांच में पता चला कि दोनों के बीच पहले से पैसों का झगड़ा था — मतलब, “अमरूद तो बस बहाना था, असली खेल तो रुपयों का था!”

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



