गरियाबंद । छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम कर्मचारी संघ के बैनर तले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 16 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी जो 18 अगस्त से 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं, आज आंदोलन के 15 वे दिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जिला गरियाबंद के करीब 450 कर्मचारियो ने जिला अध्यक्ष अमृत राव भोंसले, प्रांतीय प्रतिनिधि भूपेश साहू, भूपेंद्र सिन्हा के नेतृत्व में सभी ब्लॉक् अध्यक्ष धीरज शर्मा, गौरव यादव, पुष्पा कुर्रे, सौरभ पांडे, गोविन्द यादव की उपस्थिति में प्रशासन से मिले नोटिस की प्रति जलाकर विरोध जताया और इस दमन कारी नीति के आगे नहीं झुकने के लिए शपथ ली।
साथ ही बिंद्रा नवागढ़ विधानसभा के विधायक जनक राम ध्रुव ने गरियाबंद एन एच एम संविदा कर्मचारियों के मांग के संदर्भ में गाँधी मैदान के मंच में आकर समर्थन दिया।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का आंदोलन जायज है
पिछली कांग्रेस सरकार में 27 प्रतिशत की वेतन वृद्धि छत्तीसगढ़ के सभी संविदा कर्मचारियों के लिए किया गया था जिसमे सोलह हजार एन एच एम कर्मचारियों भी शामिल थे पर इन स्वास्थ्य कर्मचारियों को आज तक 27 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी जो कई सालों से अटका के रखा गया है इसी प्रकार तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव जी ने भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमितीकरण करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया पर किसी कारणवस सरकार को पूरा समय नहीं मिल पाया.
इसलिए स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों की पीड़ा को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव से लेकर विधानसभा सत्र में भी मजबूती से रखेंगे साथ ही लड़ेंगे और जीतेंगे के नारे के साथ कर्मचारियों में आशा का संचार किया।
इसके पूर्व आंदोलन के स्वरूप के बारे में बताते हुए जिलाध्यक्ष अमृत राव भोंसले अध्यक्ष ने बताया कि, विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी ने मोदी की गारंटी का नारा देते हुए अपना घोषणा पत्र बनाया जिसमें हम एनएचएम के कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का वादा किया गया है इस सरकार के कार्यकाल में 170 से अधिक ज्ञापन देने के पश्चात कोई सुनवाई न होने पर विवश होकर प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत 16 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं।
दो दशक बाद भी शोषण की पराकाष्ठा,आर पार की लड़ाई जारी रहेगी
जिला उपाध्यक्ष रजत महतो ने जानकारी दी कि शोषण की पराकाष्ठा हो चुकी है 20 साल का शोषण का समय छोटा मोटा समय नही,20 साल में से 15 साल भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार यहां थी,दूसरे राज्यो से यहां के कर्मचारियों की स्थिति अत्यंत दयनीय है,इसी के विरोध में हमने शासन के दमन के आगे ना झुकने का फैसला किया है,पिछले दिनों हमने केश दान किया था और आज नोटिस की प्रति फाड़ कर विरोध करेंगे।
5 मांगे मान ली गईं हैं ,यह शासन का दुष्प्रचार है
हड़ताली कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री जी के इस बयान का भी खंडन किया है कि एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की 10 सूत्री मांगों में से पांच मांगे पूरी कर दी गई है, कर्मचारियों का कहना है कि यह पूरी तरह से सही नहीं है और भ्रामक बात है केवल दो ऐसी मांग है जिस पर सर्कुलर जारी हुआ है अन्य किसी भी मांग पर उचित निर्णय नहीं लिया गया तथा मांगों के स्वरूप को बदलने का प्रयास शासन- प्रशासन द्वारा किया जा रहा है , दो दशकों से शोषित ,पीड़ित, अल्प वेतन में काम कर रहे एन एच एम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपने नियमितीकरण ,स्थाईकरण पब्लिक हेल्थ कैडर, ग्रेड पे, अनुकंपा नियुक्ति जैसी जरूरी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं जिस पर वर्तमान सरकार के द्वारा बहुत निवेदन करने और ज्ञापन देने के पश्चात भी कोई सुनवाई नहीं की गई। उक्त मांगों को केंद्र सरकार के मत्थे मढ़ा जा रहा है जबकि तकनीकी रूप से प्रदेश में स्वास्थ्य और स्वास्थ्य के कर्मचारियों का पूरा विषय राज्य सरकार के निर्णय के अधीन होता है ।

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



