भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बाघों के संगठित शिकार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही तस्करी को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, एनटीसीए और अन्य एजेंसियों से जवाब मांगा है। इस याचिका में सीबीआई जांच की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ वकील गौरव कुमार बंसल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बंसल ने अदालत को बताया कि देश के लगभग 30 प्रतिशत बाघ संरक्षित क्षेत्रों से बाहर रहते हैं और वहीं पर उनका बड़े पैमाने पर शिकार हो रहा है।
याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार की एसआईटी जांच में शिकारियों, तस्करों और हवाला नेटवर्क से जुड़े एक संगठित गिरोह का खुलासा हुआ है, जो बाघों की खाल, हड्डियां और ट्रॉफी राज्य की सीमाओं से बाहर और विदेशों तक तस्करी करता है। इसमें यह भी बताया गया कि बाघों के अंगों की तस्करी म्यांमार तक फैले एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से जुड़ी हुई है।
याचिका के मुख्य बिंदु
संरक्षित क्षेत्रों से बाहर बाघों का शिकार तेजी से बढ़ा।
महाराष्ट्र एसआईटी जांच में अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश।
बाघ गलियारों और प्रादेशिक वनों में सुरक्षा और गश्त बेहद कमजोर।
बाघों के अंगों और खाल की तस्करी अंतरराष्ट्रीय बाजार तक।
याचिका में कहा गया है कि कई आरोपियों की गिरफ्तारी, हथियारों व वित्तीय रिकॉर्ड की जब्ती यह साबित करती है कि यह मामला एक गहरे आपराधिक नेटवर्क से जुड़ा है। इस वजह से सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित विभागों से इस पर निर्देश लेने को कहा है। साथ ही याचिका में आग्रह किया गया है कि बाघ गलियारों और गैर-संरक्षित प्रादेशिक वनों को भी मुख्य क्षेत्रों के समान सुरक्षा दी जाए, ताकि राष्ट्रीय पशु का अस्तित्व सुरक्षित रह सके।

Satyanarayan Vishwakarma serves as the Chief Editor of Samwad Express, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering topics such as local and regional developments



